केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकाली गई। किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च को शांतिपूर्वक निकालने का वादा दिल्ली पुलिस से किया था।
दिल्ली बॉर्डर के अलग-अलग इलाकों से ट्रैक्टर परेड की शुरुआत हुई और दिल्ली की अंदर कूच किया। लेकिन बीच में परेड हिंसा में बदल गई। दिल्ली के आईटीओ में परेड के दौरान हिंसा हुई। एक किसान की मौत भी हुई। दिल्ली पुलिस के भी 310 से ज्यादा जवान घायल हुए। एक की हालत गंभीर है।
डीटीसी बसों को प्रदर्शनकारियों ने बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने डीटीसी बसों को कई जगहों पर एतिहातन लगाया था कि ताकि रैली अपने निर्धारित रूप पर ही चले। लेकिन रैली में शामिल अराजक तत्वों ने हिंसा की और गणतंत्र दिवस के मौके पर लालकिला परिसर में घुसकर प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहराया। परिसर में तोड़-फोड़ की।
पुलिस ने इस संबंध में 200 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा कि हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस लीगल एक्शन लेगी। ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा की जाँच के लिए दिल्ली पुलिस लालकिला पहुंच चुकी है।
उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एक कौम को बदनाम करने की साजिश पिछले 2 महीने से चल रही है। दिल्ली पुलिस ने कंफर्म किया है कि ट्रैक्टर रैली को लेकर 22 एफआईआर दर्ज की गई है।
दिल्ली पुलिस ने हिंसा के बाद लूट, डकैती और हत्या की कोशिश में एफआईआर दर्ज किया है। इससे पहले हिंसक प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने समीक्षा बैठक की थी। हिंसा मामले में मृतक किसान पर भी मामला दर्ज किया गया है।
उधर सिंघु बॉर्डर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इससे पहले नेशनल हाइवे 9 और 24 को बंद कर दिया गया था।