संसद के नए भवन का भूमिपूजन आज , PM मोदी करेंगे शिलान्यास

नई दिल्ली:  New Parliament Building नए संसद भवन के निर्माण के लिए आज शिलान्यास कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इसके लिए भूमि पूजन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले हैं. इंडिया गेट के पास सेंट्रल विस्टा कार्यक्रम के तहत बन रहे नए भवन के इस कार्यक्रम में बस प्रतीकात्मक तौर पर शिलान्यास होगा लेकिन इसका निर्माण कार्य अभी नहीं शुरू हो सकता है क्योंकि इस संबंध में एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.  संसद का यह नया भवन 20,000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले 13.4 किमी लंबे राजपथ पर पड़ने वाले सरकारी भवनों के पुनर्निमाण या फिर पुनर्उद्धार किया जाना है.

संसद के नए भवन का शिलान्यास कार्यक्रम दोपहर 12.55 से शुरू होने वाला है और 1 बजे के आसपास नींव की ईंट रखी जाएगी. 1.30 पर सर्व धर्म प्रार्थना होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2.15 पर समारोह को संबोधित करेंगे.

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रही यह चार मंजिला इमारत बिल्डिंग 64,500 वर्ग मीटर में फैली होगी और इसे बनाने में कुल 971 करोड़ का खर्च आएगा. संभावना है कि इसका निर्माण कार्य अगस्त, 2022 यानी देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस तक पूरा कर लिया जएगा.

प्रस्तावित भवन में लोकसभा के सदन में कुल 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, वहीं संयुक्त सत्र में इसे 1224 सदस्यों तक बढ़ाने का विकल्प भी रखा जाएगा. राज्यसभा के सदन में कुल 384 सदस्य बैठ सकेंगे और भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसमें भी जगह बढ़ाने का विकल्प रखा जाएगा. वर्तमान में लोकसभा सदन में कुल 543 सदस्य बैठ सकते हैं, वहीं राज्यसभा में कुल 245 सदस्य.

संसद के हर सदस्य को श्रम शक्ति भवन में एक 40 वर्ग मीटर का ऑफिस स्पेस दिया जाएगा. इस भवन का निर्माण 2024 तक पूरा हो जाएगा. यह नया भवन देश के गौरवशाली इतिहास की झलकियां भी दिखाएगा, जिसमें देशभर के कलाकारों और शिल्पकारों का योगदान होगा.

इस नए भवन का निर्माण वर्तमान संसद के भवन की सीमित क्षमताओं के चलते किया जा रहा है. वर्तमान का हमारा संसद भवन ब्रिटिशों के जमाने में बना था. इसका शिलान्यास 1921 में हुआ था. इस अवधि में संसदीय कार्य और इसकी जटिलता बढ़ी है. वहीं, बहुत से सांसदों ने मॉडर्न और हाईटेक फैसिलिटी की मांग की है.

पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामला कोर्ट में अटका होने के बावजूद ‘आक्रामक गति से आगे बढ़ाने’ के आरोप में फटकारा था. कोर्ट ने कहा था कि ‘आप शिलान्यास कर सकते हैं, आप पेपरवर्क भी आगे बढ़ा सकते हैं लेकिन कोई निर्माण कार्य नहीं होगा. एक भी पेड़ नहीं काटे जाएंगे.’