इन दिनों पूरा देश कोरोना की त्रासदी से जूझ रहा है। कोविड-19 के संक्रमण से हो रही दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के कारण श्मशान घाट में मृतको का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार भी नहीं हो पा रहा है। इस चुनौती के तात्कालिक एवं दीर्घकालिक समाधान हेतु विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली प्रान्त ने लागत सक्षम एवं पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था खड़ी की है। सोमवार को इसी क्रम में नई दिल्ली के पंचकुइया रोड दाह संस्कार घाट पर दाह संस्कार फ्रेम एवं गोबर से उपले बनाने वाली मशीन दाह संस्कार cage (COW-DUNG-LONG MACHINES and CREMATION CAGES) Woodless Cremation PYRE स्थापित की गई है।
आज देश भर में सरकार, सामाजिक संस्थाएं व समाज इस आपदा से निपटने के लिए सयुंक्त रूप से अपना श्रेष्ठ दायित्व निर्वहन कर रहें है। किंतु इसके बाद भी बड़ी संख्या में संक्रमण के कारण लोगों की मृत्यु हो रही है। ऐसे लोगों का आज सम्मानजनक रूप से अंतिम संस्कार एक चुनौती है। अंतिम संस्कार हेतु लकड़ी और ईंधन की कमी न हो इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली प्रान्त ने समाज के सहयोग से पर्यावरण और लागत सक्षम व्यवस्था खड़ी की है।
जिसके अंतर्गत गाय के गोबर से बनी उपलों से तैयार लकड़ी अंतिम संस्कार हेतु उपलब्ध कराई जाएगी। यह एक ओर हमारे पर्यावरण को दूषित होने से बचाएगा वहीं इससे कम खर्च में ही अंतिम क्रिया हेतु ईंधन (लकड़ी) प्राप्त हो सकेगी। समाज में इस विषय में जागरूकता आए इस हेतु सभी को सम्मिलित रूप से जनजागरण करना होगा। यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के प्रारंभ के साथ ही विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली प्रान्त के कार्यकर्ताओं द्वारा श्मशान घाटों में मृत देह के सम्मानजनक अंतिम संस्कार में सहयोग हेतु आगे आते रहे हैं।
दिल्ली के सभी श्मशान घाटों में दाह संस्कार फ्रेम मशीन लगाने के प्रति भी प्रतिबद्ध हैं। पंचकुइयां रोड दाह संस्कार घाट पर दिल्ली प्रान्त द्वारा 1 टन गौ काष्ट भी निःशुल्क उपलब्ध कराया गया। दिल्ली के उन सभी श्मशान घाटों में जहां दाह संस्कार फ्रेम मशीनें लगाई जाएंगी वहां निःशुल्क 1 टन गौ काष्ट भी सेवा कार्य हेतु प्रदान किया जाएगा। कोरोना काल में हो रहीं दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु को देखते हुए विश्व हिन्दू परिषद सम्मानजनक अंतिम क्रियाओं हेतु निरन्तर समाज, प्रशासन, श्मशान घाट के सम्पर्क में है।