नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बजट सत्र के अभिभाषण पर संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के वक्त विपक्ष के हंगामे की वजह से दो बार भाषण रोकना पड़ा। राष्ट्रपति ने कहा कि राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश ने परिवक्वता का परिचय दिया।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत के लोग महापुरुषों के सपने को पूरा करेंगे। इसमें संविधान हमारे लिए काफी मददगार है। संविधान हमें कर्तव्यों को बोध कराता है और नागरिकों से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने की अपेक्षा भी रखता है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार के प्रयास से इस सदी को भारत की मजबूत सदी बनाने की नींव रखी जा चुकी है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि विरोध के नाम पर हिंसा लोकतंत्र को अपवित्र करती है। नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि नागरिकता कानून राष्ट्रपति के सपने को पूरा करने जैसा है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के पहले सत्र को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है। यह दशक भारत के लिए अति महत्वपूर्ण है।
राम जन्मभूमि के फैसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश के लोगों ने परिपक्वता दिखाई। विरोध के नाम पर हिंसा लोकतंत्र की सुंदरता को अपवित्र करती है। सरकार को यह जनादेश लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिला है। नए भारत में सबका विकास हो।