विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ओर से जारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में भारत इस साल 68वें पायदान पर रहा है, जबकि सिंगापुर ने अमेरिका से पहला स्थान छीन लिया है। डब्ल्यूईएफ ने कहा है कि वृहद आर्थिक स्थिरता और बाजार के आकार के मामले में भारत की रैंकिंग अच्छी है। उसका वित्तीय क्षेत्र भी स्थिर है, लेकिन ऋण चूक की दर अधिक होने से बैंकिंग प्रणाली प्रभावित हुई है।
इस सूचकांक में भारत कंपनी संचालन के मामले में 15वें, शेयरधारक संचालन में दूसरे और बाजार आकार व अक्षय ऊर्जा नियमन में तीसरे पायदान पर रहा है। मंच ने कहा कि भारत में लैंगिक असमानता काफी ज्यादा है और पुरुष कामगारों के मुकाबले महिलाओं का अनुपात महज 0.26 है। इस मामले में भारत 128वें पायदान पर रहा। प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत के बाद अन्य पड़ोसी देश श्रीलंका 84वें, बांग्लादेश 105वें, नेपाल 108वें ओर पाकिस्तान 110वें स्थान पर रहा।
इस बार सिंगापुर ने अमेरिका को हटाकर शीर्ष स्थान हासिल कर लिया। तीसरे पर हांगकांग, चौथे पर नीदरलैंड और पांचवें पर स्विट्जरलैंड रहा। पिछले साल भारत के समकक्ष रहे कोलंबिया, दक्षिण अफ्रीका और टर्की जैसे देशों ने इस साल काफी बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे भारत की रैंकिंग को नुकसान हुआ। इस दौरान भारत सूचना, संचार एवं प्रौद्योगिकी को अपनाने में सुस्त रहा और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र की खराब स्थिति व स्वस्थ जीवन संभावना की खराब दर ने कई भारत के प्रदर्शन पर काफी असर डाला है।