निर्भया केस के दोषियों की याचिका सुप्रीम कोर्ट में हुई खारिज, अब सिर्फ एक रास्ता

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया केस के दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दिया है। बता दें कि दोनों दोषियों ने कुछ दिन पहले दिल्ली की एक कोर्ट द्वारा डेथ वॉरंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोनों दोषियों को 22 जनवरी को डेथ वॉरंट जारी किया था।

निर्भया केस के गुनहगार विनय ने अपनी क्यूरेटिव पिटिशन में अपनी युवावस्था का हवाला देते हुए कहा है कि कोर्ट ने इस पहलू को त्रुटिवश अस्वीकार कर दिया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितयों, उसके बीमार माता-पिता सहित परिवार के आश्रितों और जेल में उसके अच्छे आचरण और उसमें सुधार की गुंजाइश के बिंदुओं पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया है और जिसकी वजह से उसके साथ न्याय नहीं हुआ है।

लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर करने का ही अंतिम रास्ता बचा है। राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद-72 व राज्यपाल अनुच्छेद-161 के तहत दया याचिका पर फैसला देते हैं।

इस दौरान राष्ट्रपति गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगते हैं। मंत्रालय अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजता है और फिर राष्ट्रपति दया याचिका पर फैसला लेते हैं। अगर राष्ट्रपति किसी कारणवश दया याचिका खारिज कर देते हैं तो फिर दोषी के पास कोई विकल्प नहीं होता है। हालांकि दया याचिका के निपटारे में गैर वाजिब देरी के आधार पर मुजरिम चाहे तो दोबारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकता है।