डेस्क। जाहिल कौमें अक्सर जाहिलियत का तमगा बाँटती हैं। अक्सर इसमें एक फ्रस्ट्रेशन छुपा होता है। एक जमाने में जब इस्लाम का उदय हुआ तो सभी गैर-इस्लामी जाहिल माने जाने लगे। यहाँ तक कि ईरान में भी इस्लाम पूर्व दौर को जाहिलियत का दौर कहा जाता है। जहाँ की संस्कृति, सभ्यता, कला संस्कृति इतनी समृद्ध थी कि कबीलाई इस्लाम उसके पास कहीं नहीं टिकता था। इस कला-संस्कृति को रौंद कर इस्लाम काबिज हुआ। उनकी निगाह में यही समय जाहिलियत से मुक्ति का है।
इस्लाम की यही प्रवृत्ति वामपंथी विचारधारा में भी चली आयी है। मूर्ख -से- मूर्ख वामपंथी वामपंथ का बपतिस्मा लेते ही बुद्धिजीवी बन जाता है। वह हिंदी पढ़ते हुए अर्थशास्त्री और अंग्रेजी पढ़ते हुए वैज्ञानिक हो सकता है। इतिहास पढ़ते हुए कभी उसे इलहाम हो गया तो रडार साइंस का प्रकांड पण्डित भी हो जाता है।
पुरस्कार वापसी की नौटंकी जब चल रही थी तब बड़े-बड़े वाम विद्वानों की शानदार धुलाई कॉलेजों के साधारण प्रोफेसर, फिल्म जगत के लोग और साधारण जन कर रहे थे। पहले जब मीडिया में बहस का जमाना नहीं था ये भय के कारण मंच शेयर नहीं करते थे। दो चार नामवरों के पीछे पूरा लठैत वाम छिप जाता था। यह लठैत गैंग वाम गैर- वाम विद्वानों के बारे में दुष्प्रचार करता था और अज्ञेय जैसे वास्तविक बुद्धिजीवियों की सभा में हुड़दंग मचाता था।
आज यह हो नहीं पाता। आज दुनिया वाम बौद्धिकों को दयनीय होते देख रही है। गुहा की विलक्षण ब्रेन ड्रेन मूर्खता, अरुन्धति का बिल्ला-कुत्ता विमर्श देख रही है। पहले यह मूर्खता ढक जाती थी। अब सोशल मीडिया से उजागर हो जा रही है। ह्वाट्स एप यूनिवर्सिटी की इनकी पीड़ा यही है। वामी अगर आपको जाहिल बोलें तो समझ लीजिए कि चोट गहरी है। ये खुद जाहिल हैं। चार किताबों के रट्टू तोते। समझदारी शून्य है। इतिहास पढ़ते हैं, सीखते नहीं। किताब लिखते हैं पर अक्ल पर पत्थर रखकर। इसीलिए किताबें महत्वहीन हो जाती हैं।
बेहतर होगा कि वामपंथी बौद्धिक इस्लामी ट्रेंड से बाहर निकल स्वस्थ विमर्श करें। फ्रस्ट्रेशन में आगजनी और हिंसा का मौन समर्थन और इसके विरोधियों को जाहिल कह आप अपनी जाहिलियत से मुक्ति नहीं पा सकेंगे। अपने लठैतों को भी समझाइए कि बपतिस्मा लेने भर से जाहिलियत खत्म नहीं होती, कुछ पढ़ना-लिखना भी पड़ता है।
यह लेखक के निजी विचार हैं।
– अंजनी कुमार श्रीवास्तव
एसोसिएट प्रोफेसर
महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार, मोतिहारी