कोरोना से लेकर कृषि कानून तक , FICCI AGM में पीएम मोदी बोले- हमारे पास जवाब भी है और रोडमैप भी

परीक्षा पर चर्चा
पीएम मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उद्योग संघ फिक्की (FICCI) की आम वार्षिक बैठक और वार्षिक सम्मेलन में कोरोनावायरस  (Coronavirus) से लेकर कृषि कानून (Farm Laws) पर बात रखी है. कृषि कानूनों को लेकर किसान के आंदोलन के बीच पीएम मोदी ने कहा, कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े क्षेत्रों के बीच बीच हमने दीवारें देखी हैं. अब इन सभी दीवारों और अड़चनों को हटाया जा रहा है. इसका फायदा सीधे किसानों को होगा और कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. कोरोना को लेकर उन्होंने कहा कि महामारी के समय भारत ने अपने नागरिकों के जीवन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई.

प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को क्षेत्रों के बीच बाधाओं या अड़चनों की जरूरत नहीं है, बल्कि एक ब्रिज की जरूरत है ताकि एक क्षेत्र दूसरे का समर्थन कर सके. पिछले कुछ सालों में इस तरह की बाधाओं को दूर करने के लिए हमने सुधार किए हैं. पिछले 6 वर्षों में भारत ने भी ऐसी ही सरकार देखी है, जो सिर्फ और सिर्फ 130 करोड़ देशवासियों को आगे ले जाने के लिए काम कर रही है.

फिक्की के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि लोगों के मन में सवाल था कि कोरोना संकट की वजह से जो स्थिति बिगड़ी है, वे कैसे स्थिति सुधरेगी? लेकिन दिसंबर आते-आते अब स्थिति बहुत बदली नजर आ रही है. क्योंकि चुनौतियों से लड़ने के लिए हमारे पास जवाब है, और रोडमैप भी है. भारत ने बीते कुछ महीनों ने जिस तरह से फैसले लिए हैं, उससे देश को आगे बढ़ने में और बल मिला है. सरकार बीते 6 वर्षों से बदलाव के लिए कोशिश कर रही है, लेकिन बीते 6 महीनों में कोरोना संकट के दौरान इस पर तेजी से काम हुआ.

पीएम मोदी की मानें तो जो देश महामारी के समय अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को बचा ले जाता है, वो सब कुछ सुधार सकता है. भारत इसमें सफल रहा है और दुनिया भी देख रही है. संकट के समय में देश ने जो सीखा है, वो भविष्य को और दृढ़ करता है. इसका श्रेय किसानों, युवाओं, देश वासियों और उद्यमियों को जाता है.

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए उनकी सरकार साल 2014 से जुटी है. उन्होंने कहा, ‘जब 2014 में मुझे पहली बार लाल किले से बोलने को मौका मिला था, तब हमने ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ की बात कही थी, आज वो सपना साकार होता दिख रहा है. आत्मनिर्भर भारत अभियान हर क्षेत्र को बढ़ावा देता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम शुरू की गई है, जो परफॉर्म करेगा, वो इस इंसेंटिव का हकदार होगा. उन्होंने कहा कि दीवारें खड़ी करने से देश आगे नहीं बढ़ेगा. दो उद्योगों के बीच पुल बनाकर जोड़ने पर सरकार का फोकस है. इसलिए जो उद्योग आत्मनिर्भर होता है, वो दूसरे को जगह देने से हिचकता नहीं है

अब शहरों और गांवों के बीच फिजिकल दूरी उतनी नहीं रही, आज का ग्रामीण भारत बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. ग्रामीण भारत में एक्टिव इंटरनेट यूजर्स शहरों के मुकाबले ज्यादा हैं. स्टार्टअप शहरों से मुकाबले गांवों से ज्यादा सामने आ रहे हैं. गांव में रहने वालों की उम्मीदें बढ़ रही हैं. सरकार उसे पूरा भी कर रही है. 21वीं सदी के भारत के ग्रोथ को गांव और छोटे शहर ही सपोर्ट करने वाले हैं. इसलिए उद्यमियों को इन जगहों पर निवेश के बारे में सोचना चाहिए. इस बदलाव में भागीदार बनना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेती में जितना निजी क्षेत्र के द्वारा निवेश किया जाना चाहिए था उतना निवेश नहीं किया गया. निजी क्षेत्र ने कृषि क्षेत्र को एक्सप्लोर नहीं किया. पीएम मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियां अच्छा काम कर रही हैं, लेकिन उन्हें और भी अच्छा काम करने की जरूरत है. नए कृषि कानून से किसानों को नए बाजार मिलेंगे. कृषि में इस बदलाव से सबसे ज्यादा लाभ भी किसानों को ही होगा. आज भारत के किसानों के पास मंडियों के साथ बाहर बेचने का विकल्प है. किसान डिजिटल माध्यम से खरीद-बिक्री कर सकते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि जब देश का किसान समृद्ध होगा तब देश समृद्ध होगा. उन्होंने कहा कि पहले इथेनॉल भी विदेशों से मंगाए जाते थे. और अब भारत में इसका इतना प्रोडक्शन हो रहा है कि पेट्रोल में 10 फीसदी तक इथेनॉल मिलाने की बात चल रही है. यह गन्ना किसानों के लिए फायदे की बात है. साथ ही उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.